Saturday, 1 July 2017

GST: Goods & Service Tax - Things you should know

Goods & Service tax is activated from today on-wards and this is one the most debated system ever been any topic discussed in the country of India. Current president of India Honorable pranav mukherjee and current prime minister of India initiated the system that got hype than any other topic ever discussed in the republic of India. Lets know some of the most important points of this new system and how it will effect the Indian economy. Our team has made some points for you to make the opinion of GST clear to you.
अधिकतर समय हम आपके लिए motivation से related टॉपिक्स लाते रहते है पर जैसा की हर जगह सिर्फ GST के बारें में बात हो रही है तोह हमने ये सोचा की हम आपके इस confusion को दूर करें और आपको एक बेहतर तरीके से GST के बारें में समझा सकें। GST एक indirect tax को आसान करता है इसमें लगभग 16+ taxes को हटाके एक सरल रूप में बताया गया है इससे देश में जितने भी विभाग है जैसे की sales tax, Vat टैक्स, octroi tax, cess charges, और भी अलग taxes से निजात दिलाएगा। अब केवल GST का ही return भरना होगा याद रखे की इनकम टैक्स एक अलग सेक्शन है जो की डायरेक्ट टैक्स है।  Indirect taxes अब एक जैसे लगेंगे पुरे भारत में। किसी भी राज्य शासन के अलग टैक्सेस नहीं रहेंगे एवं टैक्स के दर भी सामान रहेंगे।

अगर हम भारत के पुराने टैक्स सिस्टम की बात करें तोह वह बहुत ही जटिल है साथ में GST से ये taxation का तरीका सरल हो सकेगा. ऐसे में जहाँ इतनी बड़ी आबादी हो वहां एक सुलझे हुए तंत्र की जरूरत है जैसे की GST है. अभी तक भारत के संविधान में ये बताया गया है की किसी भी वस्तु या किसी सर्विस के ऊपर कर लगाने का हक केवल केंद्र सरकार के पास है, लेकिन किसी भी प्रकार की बिक्री पर कर लगाने का अधिकार राज्य सरकार (state government) के पास होता है . अभी तक कंपनियां या फिर वह छोटे व्यापारियों के लिए इन कानूनों का पालन करना एक तरह से मुस्किल होता है. सरकार एवं कर कार्यालयों का ये प्रयास है की सभी मुश्किओं को कम से कम किया जासके.

GST के लागु होने से पुरेभारत में एक ही प्रकार के indirect tax लगेगा जिससे वस्तुओं और सेवाओ की लगात में इस्थिरता आएगी.


व्यवसाई खरीदी गयी वस्तुओ और सेवाओं पर लगने वाले जीएसटी की इनपुट क्रेडिट ले सकेंगे जिनका उपयोग वे बेचीं गयी वस्तुओ और सेवाओं पर लगने वाले जीएसटी के भुगतान में कर सकेंगे। जीएसटी के तहत उन सभी व्यवसायी, उत्पादक था सेवा प्रदाता को रेजिस्टर्ड होना होगा जिन की वर्षभर कुल बिक्री का मूल्य एक मूल्य एक निश्चित मूल्य से ज्यादा है। प्रस्तावित जीएसटी में व्यवसाइयों को मुख्य रूप से तीन अलग अलग प्रकार के जं. रिटर्न भरने होंगे जिससे इनपुट टैक्स, आउटपुट टैक्स और एकीकृत रिटर्न शामिल है।



































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