Friday, 27 October 2017

History of Chewing Gum

History of Chewing Gum















हज़ारों सालों से लोग gum खाते आये है प्राकर्तिक रूप से। सबसे आम जो gum बनती थी वोह resin के तनो से बनाई जाती थी। लेकिन लोग अक्सर अलग अलग प्रकार की मीठी घास, पत्ते, दाल, या फिर wax का तक खाते थे। च्युइंग गम का इस्तमाल अलग अलग प्रकार और स्वाद में बनाई जाती है। प्राचीन ग्रीस के रहवासी mastiche को खाते थे। प्राचीन mayan के रहवासी sapodilla पेड़ का तना से निकाला गम चबाते है। उत्तरी अमरीका के लोग spruce पेड़ का तना का रस उपयोग करते थे। 

सबसे पहली commercial chewing gum बेचीं गयी थी 1848 में, john bacon cortis के द्धारा। उन्होंने अपनी इस chewing gum का नाम "State of maine pure spruce gum John B" रखा था। spruce पेड़ के तने का द्रव एक्सपेरिमेंट तर्ज पर उपयोग किया गया और उसे चिप चिपे रबर के तरह बनाया ताकि बार बार चबाया जा सके। उसके बाद इस गम के flavour के लिए और नरम करने के लिए paraffin मिलाया गया। जॉन की फैक्ट्री का नाम "curtis chewing gum factory" रखा गया। 

27 जुलाई 1869 को Amos Tyler ने पहला patent पाया united states में chewing gum के लिए। लेकिन patent पाने के बाद भी टाइलर जी ने commercially एक भी chewing gum नहीं बेची। अमेरिका के ऑहियो शहर के एक डेंटिस्ट विलियम फिनले सेम्पले को सम्मानित किया गया सबसे पहले chewing gum patent को उपयोग करने के लिए, दिसंबर 1869 में। ख़ास इंग्रेडेन्ट सेम्पल की gum का चारकोल और चाक था। 

1869 में General Antonio Lopez de Santa Anna ने अपना विचार बताया chicle के बारें Thomas Adams को। आदम जी ने chicle के खिलोने, मुखोटे और बारिश के जूते के रूप में प्रस्तुत किया। लेकिन उनका एक भी उत्पाद नहीं बिका। 1869 में उन्होंने chicle में एक फ्लेवर को add किया और उनका उतपाद commercially प्रसिद्ध एवं कामियाब हो गया। यही वः समय था जब दुनिया के सामने सबसे पहली च्विंग गम का आविष्कार हुआ। दुनिया की इस पहली mass marketed च्विंग गम का नाम "Adams Newyork chewing gum" रखा गया। 1870 में थॉमस एडम्स ने एक manufacturing machine बनाई और उसे पेटेंट करवा लिया। उसी साल Adam ने एक licorice स्वाद की गम बनाई जिसका नाम black jack रखा गया। फिर भी इन सभी गम्स में एक दिक्कत थी की ये सभी स्वाद को ज्यादा समय तक पकड़ नहीं सकती थी। 1880 में विलियम वाइट ने शक़्कर और मक्के के घोल को उंन्होने मिलाया दिया जो की गम को स्वाद ज्यादा समय तक रखने में समर्थ किया। इसके स्वाद को और ज्यादा अच्छा करने के लिए पेपरमिंट का रास डाला गया। उन्होंने पाया की पेपरमिंट ज्यादा समय तक गम में टास्ते देता है दूसरे स्वादों के तुलना में। इस गम का नाम Yucatan Gum रखा गया।


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1928 में, फ्लीर गम कंपनी वाल्टर डायमर के लिए एकाउंटेंट ने एक नया रबड़ उत्पाद बनाने का प्रयास किया, लेकिन उसने गलती से बबल गम की स्थापना की, जो चिपचिपा नहीं था। उसने इसे डबल बुलबुला कहा। डबल बबल यह गम मूल फ्रैंक फ्लीर फार्मूला पर आधारित था।


1951 में, टॉप्स कंपनी ने एक सिगरेट की अपनी पिछली उपहार की जगह, एक पैकेज में बेसबॉल कार्ड जोड़कर बबल गम की लोकप्रियता को पुनः बनाया। बच्चों और माता-पिता को यह पसंद है।
1950 के दशक में, उपभोक्ताओं के रूप में अधिक स्वास्थ्य जागरूक बन गया, शुगरहीन गम पेश किया गया था। चीनी मुक्त गम के पीछे मूल विचार एक दंत चिकित्सक, डॉ। पेट्रुलिस के अंतर्गत आता है। उन "दंत चिकित्सकों ने" चबाने वाली मसूड़े को अम्मोनी युक्त रखा था



          

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